PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
यह योजना देश भर के लाखों कारीगरों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच प्रदान करके उनके कौशल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों को न केवल अपने पारंपरिक कौशल को संरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों और बाजार की मांगों के अनुरूप अपने उत्पादों को विकसित करने में भी सहायता करेगी।
यह पहल भारत की समृद्ध कला और शिल्प परंपरा को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
PM Vishwakarma Yojana 2024
पीएम विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समग्र सहायता प्रदान करती है। यह योजना कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण, टूलकिट, डिजिटल साक्षरता, ब्रांडिंग, मार्केटिंग सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करती है।
इस योजना का लक्ष्य कारीगरों की आय बढ़ाना, उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना और उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है।
लक्षित समूह | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
योजना की अवधि | 2023-24 से 2027-28 (5 वर्ष) |
कुल बजट | ₹13,000 करोड़ |
प्रशिक्षण अवधि | 5-7 दिन (बेसिक), 15 दिन (एडवांस्ड) |
प्रशिक्षण भत्ता | ₹500 प्रति दिन |
टूलकिट सहायता | ₹15,000 तक |
ऋण सुविधा | ₹3 लाख तक (5% वार्षिक ब्याज दर पर) |
लाभार्थी लक्ष्य | 30 लाख कारीगर और शिल्पकार |
पीएम विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य
पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को बढ़ाना और आधुनिक बनाना
- कारीगरों की आय में वृद्धि करना और उनका जीवन स्तर सुधारना
- पारंपरिक कला और शिल्प को संरक्षित करना और बढ़ावा देना
- कारीगरों को वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच प्रदान करना
- ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना
- कारीगरों के उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ
इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण: कारीगरों को उनके कौशल को बढ़ाने और आधुनिक तकनीकों से परिचित कराने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रशिक्षण भत्ता: प्रशिक्षण के दौरान कारीगरों को ₹500 प्रति दिन का भत्ता दिया जाएगा।
- टूलकिट सहायता: कारीगरों को अपने काम के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- सस्ता ऋण: कारीगरों को अपना व्यवसाय शुरू करने या बढ़ाने के लिए 5% वार्षिक ब्याज दर पर ₹3 लाख तक का ऋण मिलेगा।
- डिजिटल और वित्तीय साक्षरता: कारीगरों को डिजिटल भुगतान और वित्तीय प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- बाजार तक पहुंच: कारीगरों के उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता: कारीगरों के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में मदद की जाएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
- आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए
- आवेदक को पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए
- आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है
- एक परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ ले सकता है
- आवेदक या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शामिल व्यवसाय
इस योजना में निम्नलिखित 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है:
- बढ़ई (कारपेंटर)
- लुहार (ब्लैकस्मिथ)
- पीतल और तांबा कारीगर
- कुम्हार
- कुलाल (स्टोन स्कल्पटर)
- सुनार
- लोहार
- टोकरी बुनकर
- शिकंजी बनाने वाले
- नाई
- माली
- रंगरेज
- बढ़ई (वुडवर्कर)
- राजमिस्त्री
- लकड़ी का काम करने वाले
- स्टोन ब्रेकर
- कोबलर
- दर्जी
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- व्यवसाय प्रमाण पत्र
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
- CSC ऑपरेटर से पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने में मदद मांगें।
- अपने साथ सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं।
- CSC ऑपरेटर आपकी जानकारी और दस्तावेजों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करेगा।
- आवेदन जमा होने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा।
- इस रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग करके आप अपने आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का कार्यान्वयन
इस योजना का कार्यान्वयन निम्नलिखित चरणों में किया जाएगा:
- पंजीकरण और पहचान: कारीगरों का पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें पीएम विश्वकर्मा कार्ड जारी किया जाएगा।
- बेसिक प्रशिक्षण: कारीगरों को 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- एडवांस्ड प्रशिक्षण: इच्छुक कारीगरों को 15 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- टूलकिट वितरण: प्रशिक्षण पूरा करने वाले कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- ऋण वितरण: योग्य कारीगरों को दो चरणों में ऋण दिया जाएगा – पहले ₹1 लाख और फिर ₹2 लाख।
- बाजार सहायता: कारीगरों के उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना की चुनौतियां और समाधान
इस योजना के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां हो सकती हैं:
- जागरूकता की कमी: बहुत से कारीगर इस योजना के बारे में जानकारी नहीं रखते।समाधान: सरकार द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
- दस्तावेजों की उपलब्धता: कुछ कारीगरों के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हो सकते।समाधान: सरकार ने दस्तावेजों की आवश्यकता को न्यूनतम रखा है और आधार कार्ड को प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया है।
- डिजिटल साक्षरता: कई कारीगर डिजिटल रूप से साक्षर नहीं हैं।